राजेश खन्ना को भारत का पहला ‘सुपरस्टार’ कहा जाता है और ये उपाधि उन्हें यूं ही नहीं मिली थी। उनके समय में करोड़ों लोग उनके दीवाने थे, लेकिन सबसे ज़्यादा दीवानी थीं महिलाएं। उनके घर ‘आशीर्वाद’ के बाहर रोज़ लगभग 10,000 लड़कियाँ सिर्फ़ एक झलक पाने के लिए घंटों खड़ी रहती थीं। कई लड़कियों ने तो उनकी कार को लिपस्टिक से चूम-चूमकर भर दिया था।

फैंस उनके पीछे पागल थे और उस दौर में उनकी लोकप्रियता का स्तर इतना ज़्यादा था कि जैसे किसी देवता की पूजा हो रही हो। राजेश खन्ना की मुस्कान, उनका अंदाज़, उनका रोमांटिक व्यक्तित्व – सबकुछ लड़कियों के दिल को छू जाता था। और यह सब उस ज़माने में हो रहा था जब इंटरनेट, सेल्फी और सोशल मीडिया जैसे कोई साधन नहीं थे। उनके चाहने वालों का जुनून ऐसा था जो आज भी कहानियों की तरह सुनाया जाता है।

जब मुमताज़ बनीं राजेश की पड़ोसी और ऑनस्क्रीन प्रेमिका
मुमताज़ और राजेश खन्ना की जोड़ी को दर्शकों ने खूब पसंद किया। दोनों ने साथ में कई ब्लॉकबस्टर फ़िल्में दीं और हर बार इनकी केमिस्ट्री ने जादू चला दिया। खास बात ये थी कि मुमताज़ सिर्फ़ राजेश खन्ना की को-स्टार ही नहीं, उनकी पड़ोसी भी थीं। उनका घर राजेश खन्ना के बंगले के बिल्कुल बगल में था। जहां आम लड़कियाँ उन्हें देखने के लिए भीड़ में खड़ी रहती थीं, वहीं मुमताज़ बस खिड़की से झांकती थी और सीधे उनके घर चली जाती थी। यह नजदीकी ही लोगों को चुभती थी, खासकर उन हजारों लड़कियों को जो मुमताज़ से जलती थीं कि उन्हें राजेश खन्ना से रोमांस करने का मौका मिल रहा है।

जलन, तकरार और औरतों की बेबसी
मुमताज़ ने बताया था कि जब वह राजेश खन्ना के साथ आउटडोर शूटिंग पर जाती थीं, तो वहाँ मौजूद लड़कियाँ उन्हें घूर-घूरकर देखतीं और अजीब चेहरों के हावभाव बनाती थीं। वे उनसे नफरत नहीं करती थीं, बल्कि ईर्ष्या करती थीं।
इस ईर्ष्या का कारण सिर्फ़ फिल्मों तक सीमित नहीं था, बल्कि यह उस दौर की भावनात्मक गहराई को दर्शाता है, जब दर्शकों और खासकर महिलाओं का जुड़ाव कलाकारों से असली लगता था। मुमताज़ ने इसे सहजता से लिया और कभी खुद को खास नहीं समझा, जबकि पूरा देश उनकी किस्मत से जल रहा था।

सुपरस्टार की चमक और ढलता सूरज
राजेश खन्ना जितनी ऊँचाई पर पहुँचे, उतनी ही तेज़ी से उनका करियर ढलने भी लगा। 1970 के दशक के अंत तक जब अमिताभ बच्चन ने एंग्री यंग मैन की छवि के साथ बॉलीवुड पर कब्जा जमाया, तब राजेश खन्ना की रोमांटिक हीरो वाली छवि धीरे-धीरे पीछे हटने लगी।
उन्होंने कम उम्र की डिंपल कपाड़िया से शादी की, जिससे सभी चौंक गए। लेकिन यह रिश्ता ज़्यादा लंबा नहीं चला और करीब एक दशक बाद डिंपल उन्हें छोड़कर चली गईं। इससे पहले वह अंजू महेन्द्रू के साथ रिश्ते में थे, लेकिन उन्होंने अचानक वह रिश्ता तोड़ दिया।

राजेश खन्ना की कहानी सिर्फ एक अभिनेता की नहीं, बल्कि उस दौर की धड़कन की है जिसमें सिनेमा, इमोशन और स्टारडम एक-दूसरे में पूरी तरह घुले-मिले थे। उनके इर्द-गिर्द जो दीवानगी थी, वो आज के किसी भी सितारे के लिए कल्पना से परे है। मुमताज़ जैसी को-स्टार और पड़ोसी के लिए यह अनुभव और भी खास रहा, क्योंकि उन्होंने नज़दीक से उस जुनून को देखा और जिया।
